अब कुछ दिन अगर मैं ना दिखूं तो कुम्हला मत जाना.....फूल खिले हुए और हवाओं मे डोलते हुए ही अच्छे लगते हैं.....क्या अभी मझे ये कहने कि जरूरत है कि फूल कौन है......तुम्हारा शरमाना मुझे अच्छा लगता है.....क्यों...अच्छा लगता है........क्योंकि ये वो सब कहता है....जो तुम कह नहीं पाती हो....लिख नहीं पाती हो......
नया साल...तुम्हारे लिए मंगलमय हो......ध्यान रखना.......
1 comment:
kahan ja rahe hain dev sahab...........aapke prashansak to mayoos ho hi jayenge agar aapka likha nahi padhenge to.
HAPPY NEW YEAR IN ADVANCE
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