Tuesday, August 17, 2010

ये खुदा की नेमत है. ......मान ले मेरी बात

देख भाई, अब तू मेरी बात सुण. तू बहुत time से न परेसान सा लग रहा है. आ जहाँ बैठ. थोड़ी सांस ले ले. इसके कोई पैसे न लगे हैं.  अरे हाँ......... भाई..... मै मजाक न करे हूँ.............. मेरी उमर देख......... मजाक करने की लागे है तुझे...........  मै, न............ बड़ी लम्बे समय से तुम सब को देख रहा हूँ.............. और सब के सब अपनी ज़िन्दगी को कोसे हैं, गाली दे हैं.............. अरे काहे भाई. सब के सब भाग रहे हैं...... अरे मेरे भाई........... जिस ज़िन्दगी तू गाली दे है.............. उसकी सुन्दरता को भी देख ले. अच्छा.......... बोल ठीक है की न............

तूने बिजली का तार तो जरुर ही  देखा होयेगा........उसके अंदर कितना current बहता है, तू जाने है न..? लेकिन उपर एक परत चढ़ी होवे है जो झटके से बचावे है. ...... बुझात है न...... ये जो प्यार है न.... ये उसी परत की मानिंद है. जब ज़िन्दगी मे प्यार की परत चढ़ जावे है.....न, तब बहुत से झटके तो पता भी न चले हैं............... मान ले मेरी बात. हम सब ज़िन्दगी की भाग दौड़ मे सब कुछ याद रखे हैं, सिर्फ ये भूल जावे हैं की ज़िन्दगी कितनी आसान है.....कितनी सुंदर है. हम न...... अपने दुखों से उतने दुखी  नहीं जितना दूसरे के सुखी होने से दुखी है. कब तक देखेगा दूसरों की तरफ और परेशान रहेगा. ....... बोल प्यारे.

जब प्रेम की चीनी ज़िन्दगी के शरबत मे घुलती है न...... तो ज़िन्दगी ...ज़िन्दगी बनती है. प्यार बाँट... प्यार. और देख तुझे कितना प्यार मिले है. चल भाई..... मै तो तेरी तरह पढ़ा लिखा नहीं हूँ...... कबीर को देख.... कौन सा स्कूल ........ वो जो तेरे गुरु है....... क्या नाम ...... हाँ..... राम चंदर..... वो कौन सा स्कूल गए. फिर भी याद करे है  दुनिया उनको और राज करे हैं वो..... हमारे दिलों पर....... बोल प्यारे.... अरे ज़िन्दगी है ऊँच-नीच , सुख-दुःख, रोना-हँसना, तो लगा ही रहेगा. किन किन चीजों को लेकर कोसता रहेगा, किन किन चीज़ों को लेकर रोता रहेगा. हँसना सीख....... वो एक शायर ने कहा  है न......

हादसों की जद मे है , तो मुस्कराना छोड़ दें,
जलजलों के खौफ से , क्या घर बनाना छोड़ दें.

काहे तू अपनी ज़िन्दगी को दूसरे के तराजू पर तोले है. वो ऐसे हैं, उनके पास ये है, उनका बच्चा ऐसा है. जब तू तुलना करता रहेगा..... मान ले मेरी बात..... रोता रहेगा.  अरे तू भी किसी से कम न है.... ये बात क्यों नहीं समझता है..... रे.

तू न प्यार कर ले..... और नहीं कर सकता तो जो तुझे प्यार करता हो.... उसका होले. फिर देख ज़िन्दगी कितनी आसान हो जाती है.  लेकिन प्यार मे ये मत समझ लीजियो की मिलना ही प्यार की मंजिल है...... प्यार का अंजाम जाने है तू............ प्यार मे सर झुकाना पड़ता है, दर्द मे मुस्कराना पड़ता...... और .... मेरी जान.... फिर देख ज़िन्दगी ...... ज़िन्दगी तुझसे  जलने लगेगी.  ................ ज़िन्दगी से ज़िन्दगी का वास्ता जिन्दा रहे.

ज़िन्दगी को शर्तों पे जीना छोड़ दे..... वो किसी ने कहा है न....If you want to be happy....be. अब बता.... जिदगी को बेमज़ा किसने बनाया.  अरे प्यारे... खुश रहना चाहता है तो रह न..............किसने रोका. ...... तू ने खुद ने रोका... और फिर कोसता है................

न कर शुमार की हर शह गिनी नहीं जाती,
ये ज़िन्दगी है, हिसाबों से जी नहीं जाती.

जी... जितना चाहे उतना जी........
जैसे चाहे वैसी जी............
लेकिन ज़िन्दगी को जी.............. रो मत, कोस मत.

ये खुदा की नेमत है.

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