Tuesday, August 3, 2010

अब आगे............?

अब आगे............ क्या होगा? ये एक प्रश्न सभी के मन मे आता है, जब ज़िन्दगी किसी सिरे पर पहुंचती है या जब ज़िन्दगी मे कोई घुमाव आता है.  एक संवाद पेश करता हूँ:-

तुम तो चले जाओगे............ फिर?

फिर क्या.....................?

अनजान मत बनो. तुम जानते हो मै या कह रहा हूँ.

तुम से इस प्रश्न की उम्मीद नहीं थी. इसलिए पूंछा. क्या मै तुमको बताऊँ , या तुमको समझाऊं. तुमको कुछ समझाना, सूरज को चिराग दिखाने जैसा है.

बस करो..........सालों बाद अभी तो ज़िन्दगी को महसूस करना शुरू किया था कि.......

तुम तो जानते हो कि ज़िन्दगी की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती क्या है. ये चलती रहती है. लोग उतरते  हैं, चढते हैं.. लेकिन ये चलती रहती हैं.......... हाँ, इस सफ़र मे कुछ लोग ऐसे मिलते हैं, जो अमिट छाप छोड़ जाते हैं. तुम्हे याद होगा मैने तुमको एक तपस्वनी के बारे में बताया था. ममता की मूर्ति, लेकिन जग से विरक्त. में जब जाऊँगा तो उसको अपने साथ ले कर जाऊँगा.

तो तुम भी तपस्वी बनोगे.................

हाँ...... मै भी तो देखूं की विरह की आग कैसी होती है. मन बावरा होता है, या साधु. एक बार फिर एकांत प्रवास का मौक़ा............ मेरे लिए प्रार्थना करना की जिस आग मैने अपने आप को जलाने का फैसला किया है....... उसमे से सोना बन के वापस आऊं, राख बन कर नहीं. 

राख.............. ऐसा मत बोलो. कुछ भी बोलते हो.

इतना डरो मत, टूटो मत. तुम अकेले तो नहीं हो. तुम मे तो हवन कुंड है. जिसमे तुम ने अपने आप को जलाया है. तुम सोना बन सकते हो.... तो मे क्यूँ नहीं.

बिलकुल.....

लेकिन क्या मुझे अपनी ज़िन्दगी जीने का हक नहीं है? क्या मै जो हूँ, वो बन कर नहीं रह सकता.

किसने रोका है तुमको....... दुनिया, समाज ये सब हमारे अकलेपन को खत्म करने की लिए हैं. इनकी चिंता मत करो. आगे बढ़ो. देखो एक नया सूरज तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है. अपने अंदर की आग को ज़िंदा रखो. अभी दुनिया को तुम्हारी जरूरत है....... मै मजाक नहीं कर रहा, सच कह रहा हूँ. तुम कीमती हो, तुम्हारे विचार, दुनिया को हिलाने की ताकत रखते है. और फिर तुम तो कलम के जादूगर हो. अपने आप शब्दों मे उतारो, भावों मे लय कर लो. तुम से तो मैने तपस्या का मतलब सीखा है.

अच्छा अब बस करो.

मै कहीं नहीं जा रहा हूँ. देखो............... मै हूँ न..............   वहाँ.

सच बोलना..... हूँ या नहीं.... बिलकुल सच.



      

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