बात करते करते दूरी काफी तय हो गयी थी।
अरे गंगा बिटिया
सेवक काका। नमस्ते , कैसे हैं आप ?
काका इनसे मिलिए ये हैं आनंद।
अरे अरे आनंद बाबू। नमस्ते
बिटिया ये वही हैं न जो पुराने वाले शिव मंदिर ें रहते हैं।
हाँ काका।
अरे आनंद बाबू , बड़े हिम्मत वाले हैं आप हो उस खंडहर मंदिर में रहते हैं।
क्यों ऐसा क्यों ? काका
अरे आनंद बाबू उस मंदिर को छोड़ो , सूरज ढलने के बाद तो उस तरफ भी कोई नहीं जाता।
लेकिन क्यों काका ??
अरे भाई सुना है वहां भूतों का निवास हो जाता है।
अच्छा !!!
लेकिन काका २ महीने से मैं रह रहा हूँ , कोई मुझसे मिलने नहीं आया। आनंद का जवाब सेवक काका को।
क्या करते मिलने आकर जब उन्होंने देखा होगा कि उनसे बड़ा वहाँ रह रहा है। गंगा का जवाब आनंद को।
अरे गंगा बिटिया
सेवक काका। नमस्ते , कैसे हैं आप ?
काका इनसे मिलिए ये हैं आनंद।
अरे अरे आनंद बाबू। नमस्ते
बिटिया ये वही हैं न जो पुराने वाले शिव मंदिर ें रहते हैं।
हाँ काका।
अरे आनंद बाबू , बड़े हिम्मत वाले हैं आप हो उस खंडहर मंदिर में रहते हैं।
क्यों ऐसा क्यों ? काका
अरे आनंद बाबू उस मंदिर को छोड़ो , सूरज ढलने के बाद तो उस तरफ भी कोई नहीं जाता।
लेकिन क्यों काका ??
अरे भाई सुना है वहां भूतों का निवास हो जाता है।
अच्छा !!!
लेकिन काका २ महीने से मैं रह रहा हूँ , कोई मुझसे मिलने नहीं आया। आनंद का जवाब सेवक काका को।
क्या करते मिलने आकर जब उन्होंने देखा होगा कि उनसे बड़ा वहाँ रह रहा है। गंगा का जवाब आनंद को।
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