Tuesday, January 14, 2020

क्या है यार !

क्या है ये जिंदगी।  नहीं नहीं कितने बंधनों में बंधी है ये जिंदगी। 

नहीं नहीं बंधी नहीं , मैंने खुद बाँध राखी है। 

मन करता खुल कर जीने को , खुल कर उड़ने को , जो करना चाहता हूँ , वो करने को , पढ़ने को, लिखने को दौड़ने को भागने , पहाड़ में जाने को

लेकिन

क्या लेकिन आनंद ?


No comments: