मैं की ख़ुश होता था दरिया की रवानी देखकर , काँप उठा हूँ गली, कूंचो में पानी देखकर,
एक लम्हे में कटा है मुद्दतों का फासला , मैं अभी आया हूँ कुछ तस्वीरें पुरानी देखकर।
दरवाजे पे दस्तक …… इस वक़्त .......कौन है? अंदर आ जाओ भाई …… दरवाजे पे सांकल नहीं है .......
अरे आप …… विस्मित स्वर में स्वागत …… आप को अतिथि भी तो नहीं कह सकता
कैसें है आप ……?
मुस्कान सी आ गई चेहरे पर .... आप का सवाल सुनकर
कुछ इस अदा से यार ने पूंछा मेरा मिजाज़ ,
कहना पड़ा की शुक्र है परवरदिगार का।
आप बदले नहीं ……
मेमसाहब .... इंसान हूँ। …आपका वादा नहीं।
आप कैसी हैं ?
ठीक ……
जी …। स्वस्थ एवं सुन्दर हैं? पहले option का जवाब दे दीजिये …। दूसरा तो मैं देख ही रहा हूँ।
एक सहमी हुई से मुस्कराहट उसके चेहरे पर ....... मुस्कराहट ने लबों को फासला रख कर छुआ।
अच्छा लगता है जब पास से होकर दूर जाती हो । कई तार अंदर झंकृत होते हैं। बहुत सारे भावों को एक मुस्कराहट के पीछे लेना …… अच्छा लगता है। अच्छा लगता है …… बिलकुल अपने होकर बिलकुल अजनबी होना।
अरे …… बैठिये तो सही। क्या लेंगी आप ?
कौन है बेटा … अरे बिटिया तू …… इतने दिनों बाद ?
बैठ …… मैं चाय ले कर आती हूँ।
कैसे आना हुआ ?
इधर से गुजर हुई …। सो सोचा आप को देख लूँ।
क्रमश:
एक लम्हे में कटा है मुद्दतों का फासला , मैं अभी आया हूँ कुछ तस्वीरें पुरानी देखकर।
दरवाजे पे दस्तक …… इस वक़्त .......कौन है? अंदर आ जाओ भाई …… दरवाजे पे सांकल नहीं है .......
अरे आप …… विस्मित स्वर में स्वागत …… आप को अतिथि भी तो नहीं कह सकता
कैसें है आप ……?
मुस्कान सी आ गई चेहरे पर .... आप का सवाल सुनकर
कुछ इस अदा से यार ने पूंछा मेरा मिजाज़ ,
कहना पड़ा की शुक्र है परवरदिगार का।
आप बदले नहीं ……
मेमसाहब .... इंसान हूँ। …आपका वादा नहीं।
आप कैसी हैं ?
ठीक ……
जी …। स्वस्थ एवं सुन्दर हैं? पहले option का जवाब दे दीजिये …। दूसरा तो मैं देख ही रहा हूँ।
एक सहमी हुई से मुस्कराहट उसके चेहरे पर ....... मुस्कराहट ने लबों को फासला रख कर छुआ।
अच्छा लगता है जब पास से होकर दूर जाती हो । कई तार अंदर झंकृत होते हैं। बहुत सारे भावों को एक मुस्कराहट के पीछे लेना …… अच्छा लगता है। अच्छा लगता है …… बिलकुल अपने होकर बिलकुल अजनबी होना।
अरे …… बैठिये तो सही। क्या लेंगी आप ?
कौन है बेटा … अरे बिटिया तू …… इतने दिनों बाद ?
बैठ …… मैं चाय ले कर आती हूँ।
कैसे आना हुआ ?
इधर से गुजर हुई …। सो सोचा आप को देख लूँ।
क्रमश:
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