Just be who you are
Thursday, September 10, 2015
अल्लाह रे ये कमसिनी
कुछ होश भी है ऐ दस्ते जुनू , देख क्या हुआ ,
दामन तक आ गया है गरीबाँ फटा हुआ।
अल्लाह रे ये कमसिनी इतना नहीं ख्याल ,
मैयत पे आके पूँछते हैं इनको क्या हुआ।
आओ "असीद" अब तो यही मशग़ला सही ,
इक रोये और दूसरा पूँछे की क्या हुआ।
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