tag:blogger.com,1999:blog-8220709793514702538.post8099151940144797096..comments2023-10-11T08:13:22.038-07:00Comments on Just be who you are: वाह रे...भाग्यUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8220709793514702538.post-38975887131758886092010-12-08T02:38:12.349-08:002010-12-08T02:38:12.349-08:00उफ़! किस मोड पर लाकर छोड दिया।
आपकी कहानी ने तो मु...उफ़! किस मोड पर लाकर छोड दिया।<br /><br />आपकी कहानी ने तो मुझे हिला दिया आज …………मै तो सोच रही थी कि वो उस दिन खत्म हो गयी और ज्योति और आनंद वाली दूसरी शुरु हो गयी है मगर ये तो उसी का भाग है अब जाकर समझ आयी है और राधा ही आनन्द का वो पहला प्यार थी जिसे वो जीता रहा हर पल उस रस मे डूबा रहा फिर चाहे कितनी ही ज्योति जला लो वो प्रकाश कहाँ सम्भव?<br /><br />शायद ये गलतफ़हमी भी टाइटल के कारण हुयी अगर एक ही नाम से आती पूरी कहानी तो शायद ऐसा नही होता……………क्योंकि कहीं मुझे लग रहा था कि पात्र दोनो कहानियो के एक जैसे हैं मगर कुछ कहा नही सोचा शायद आगे कुछ अलग हो मगर अब सब समझ आ गया है…………शुक्रिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com